तुझे चाहिए क्या?
ओए, एक बार बता तो दे
तुझे चाहिए क्या?
तु इधर-उधर है भटकता
कोई तेरा ठिकाना नहीं क्या?
कुछ तो है,
जो तू ढूंढ है रहा।
कुछ तूने खोया है
या कुछ नया खोज रहा?
कुछ मालूम नहीं तुझे
या फिर अनजान है बना?
सुन, पहले उस उलझन को तो सुलझा
जो है तेरे मगज में बना।
क्या है तेरे मर्म में
कुछ तो होगा उसका पता?
या है कोई ऐसा राज
जिसका तू ढूंढ रहा पता।
ओए, एक बार बता तो दे
तुझे चाहिए क्या?
- अर्चना केशरी
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