उभरता भारत

उभरता भारत, सजता और सवरंता भारत।
दुनिया के रीति-रिवाज को अपने अन्दर समेटता भारत।
नई-नई तकनीके अपना कर रूप अपना बदलता भारत।
स्वच्छता का अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के गुण सीखाता भारत।
तीसरी दुनिया का कहलाकर भी चिकित्सा सेवा दुनिया को उपलब्ध कराता भारत।
बॉलिवुड से हॉलीवुड पहुँचकर कलाकारों की कला दुनिया में बिखेरता भारत।
अर्थव्यवस्था में इज़ाफा कर दुनिया में नाम बनाता भारत।
दुनिया के छोटे देशों की मदद, अपनी मजबूत सैन्य ताकत देकर करता है भारत।
बात तो यह सच्ची है की, कोई माँगे मदद तो नहीं कभी-भी मुकरता भारत।
कम्पयूटर टेक्नोलोजी की दुनिया में एक्सपर्ट है कहलाता भारत।
शक्तिशाली देशों की कम्पनियों को व्यापार करने को अपनी ओर लुभाता भारत।
अपनी ही आई. टी. कम्पनियों से लाखों का मुनाफा है कमाता भारत।
इन सब के बावजुद क्या सचमुच उभर रहा है भारत?
अभी-भी गरीबी का खातमा क्यों नहीं कर पाया है भारत?
इतना सब कुछ होते हुए भी बेरोजगारी खत्म नहीं कर पाया है भारत।
भ्रष्टाचार जैसे चुभते काँटे को निकाल फेंक नहीं पाया है भारत।
आज भी महिलाओं को सुरक्षा प्रदान नहीं करा पाया है भारत।
कई मायनों में अब तक लोगों की सोच नहीं बदल पाया है भारत।
अगर इन बीमारियों का सहीं इलाज कर लेगा भारत।
तो दुनिया की ऊँचाई को छूकर नम्बर वन बन सकता है भारत।

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